Vaidikalaya

मध्यकालीन भारत का इतिहास 

मध्यकालीन भारत का इतिहास की इस पुस्तक को प्रोफेसर रोमिला थापर ने लिखा हैं। इस पुस्तक में परंपरागत अथवा वंशानुगत इतिहास को पढ़ाने की बजाय संस्थाओ,  मूल्यों, प्रवृतियों पर देते हुए, विकास के वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अपनाया गया हैं। इसी कारण विद्यालयों में इतिहास शिक्षण का पुनर्विन्यास संभव हो सका हैं, जिसकी आवश्यकता काफी दिनों से महसूस की जा रही थी।

यह पुस्तक भारत के इतिहास के प्राचीन काल के अंत से आधुनिक काल के प्रारम्भ तक अर्थात लगभग आठंवी शताब्दी से अठारहवीं शताब्दी के प्रारंभ तक के काल से सम्बंधित हैं।