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केंद्र शासित प्रदेश


भारत एक विशाल देश है, जो कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशो से मिलकर बना है। प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश की अपनी संस्कृति, भाषा, पोशाक, पर्व, इतिहास और भूगोलिक स्थिति है, यही वजह है कि भारत को विविधताओं का देश कहा जाता है। यहां पर कुछ किलोमीटर की दूरी पर भाषा और खान-पान में बदलाव देखा जाता है। वर्तमान में भारत में कुल 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश हैं।


केंद्र शासित प्रदेश क्या होते है?

केंद्र शासित प्रदेश वे प्रदेश होते हैं जो किसी विशेष कारण से बनाए जाते हैं और जिनपर सीधा केंद्र सरकार का शासन होता हैं। केंद्र शासित प्रदेशो का मुख्य कार्यकारी उपराज्यपाल होता हैं जो केंद सरकार के द्वारा नियुक्त किया जाता हैं अर्थात केंद्र सरकार उपराज्यपाल के माध्यम से इन प्रदेशों पर शासन करती हैं। 

केंद्र शासित प्रदेशो में जो भी कार्य होते हैं जैसे कोई कानून बनाना, पुलिस प्रशासन को व्यवस्थित करना, रोजगार देना, रोड बनाना, ब्रिज बनाना ये सभी कार्य केंद्र सरकार के द्वारा किये जाते हैं।  

केंद्र शासित प्रदेश और उनकी राजधानी 
प्रदेश राजधानी 
दिल्लीनई दिल्ली
पुडुचेरीपुडुचेरी
चंडीगढ़चंडीगढ़
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह़पोर्ट ब्लेयऱ
लक्षद्वीपकवरत्ती़
दादरा और नगर हवेली और दमन और दीवदमन
जम्मू और कश्मीरश्रीनगर
लद्दाखलेह

केंद्र शासित प्रदेशों के प्रकार?

भारत के केंद्र शासित प्रदेशों को उनके प्रशासनिक ढांचे के आधार पर मुख्यतः दो प्रकार में बाँटा जा सकता है:

  1. विधान सभा वाले केंद्र शासित प्रदेश
  2. गैर-विधान सभा वाले केंद्र शासित प्रदेश
1. विधान सभा वाले केंद्र शासित प्रदेश:

ऐसे केंद्र शासित प्रदेश जहां विधान सभा की व्यवस्था हो अर्थात जहां मुख्यमंत्री हो, विधायक हो और उनका अपना मंत्री मंडल हो उन्हें विधायका वाले केंद शासित प्रदेश कहते हैं। अब प्रश्न आता है कि अगर यहाँ विधायका है तो ये केंद शासित कैसे हुए तो इसका उत्तर ये है कि यहाँ मुख्यमंत्री तो होता हैं किन्तु इस प्रदेश की ज्यादातर शक्तियां उपराज्यपाल के पास होती हैं, मुक्यमंत्री और उनके मंत्रिमंडल के पास सिमित शक्तियां ही होती हैं, उनके कार्यों में केंद सरकार अपनी दखल दे सकती हैं।

वर्तमान में भारत में दो केंद्र शासित प्रदेश है ऐसे हैं जहां विधानसभा की व्यवस्था हैं। 

  1. दिल्ली 
  2. पुडुचेरी
1. गैर-विधान सभा वाले केंद्र शासित प्रदेश:

ऐसे केंद्र शासित प्रदेश जहां विधान सभा की व्यवस्था ना हो अर्थात जहां मुख्यमंत्री और विधायक नहीं होते हैं यहाँ का मुखिया उपराज्यपाल ही होता है और सभी शक्तियां उसी के पास होती हैं उन्हें गैर विधायका वाले केंद शासित प्रदेश कहते हैं।

गैर विधायका वाले केंद्र शासित प्रदेश: 

  1. अंडमान और निकोबार
  2. चंडीगढ़
  3. लक्षद्वीप
  4. लद्दाख
  5. दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव
  6. जम्मू और कश्मीर

केंद्र शासित प्रदेश बनाने के कारण?

केंद्र शासित प्रदेश बनाने के पीछे कई ऐतिहासिक, भौगोलिक, प्रशासनिक और राजनीतिक कारण होते हैं।

1. भौगोलिक स्थिति और छोटा क्षेत्रफल
  • कुछ क्षेत्र इतने छोटे हैं या वे देश की मुख्य भूमि से दूरी पर है जिसके कारण उन्हें एक पूर्ण राज्य बनाना व्यावहारिक नहीं है।
  • जैसे: लक्षद्वीप एवं अंडमान और निकोबार द्वीप समूह ये राज्य देश की मुख्य भूमि से दूरी पर स्तिथ है तो इन्हे किसी पास के राज्य में मिलाया नहीं जा सकता जिस कारण से इनको केंद्र शासित प्रदेश बनाना पड़ा।  
2. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कारण
  • पुर्तगाल, फ्रांस आदि से भारत में विलीन हुए क्षेत्र, जिनकी संस्कृति अलग थी, उन्हें सीधे केंद्र के अधीन रखा गया।
  • जैसे: पुडुचेरी (फ्रेंच उपनिवेश), दमन और दीव, दादरा नगर हवेली (पुर्तगाली उपनिवेश)़
3. रणनीतिक/सुरक्षा कारण
  • सीमावर्ती क्षेत्र जो रणनीतिक दृष्टि से संवेदनशील हैं, उन्हें सीधे केंद्र के प्रशासन में रखा गया ताकि वहाँ बेहतर नियंत्रण रखा जा सके।
  • जैसे: लद्दाख, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह
4. प्रशासनिक सुविधा
  • कुछ क्षेत्रों में राज्य सरकार की आवश्यकता नहीं होती; वहाँ केंद्र सरकार द्वारा सीधे शासन करना अधिक प्रभावी होता है।
5. राजनीतिक परिस्थितियाँ
  • कुछ विशेष परिस्थितियों में राज्य का दर्जा हटाकर केंद्र शासित प्रदेश बना दिया जाता है।
  • जैसे जब पंजाब और हरियाणा अलग हुए तो चंडीगढ़ को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ क्योकि पंजाब चाहता था कि चंडीगढ़ उसके पास रहे और हरियाणा चाहता था कि उसके पास रहे जिस कारण से केंद्र सरकार ने उसे केंद शासित प्रदेश का दर्जा दिया कि वो खुद उसपर शासन करेगी और पंजाब एवं हरियाण की राजधानी रहेगी। 
  • वैसे ही जम्मू और कश्मीर को 2019 में अनुच्छेद 370 हटाकर राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया।