भगवान राम की वंशावली
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम को विष्णु भगवान का 7वां अवतार माना जाता हैं और भगवान राम का जन्म अयोध्या में सूर्यवंशी परिवार में हुआ था। भगवान राम राजा दशरथ के पुत्र थे तो सवाल आता हैं कि राजा दशरथ से पहले कितने वंश हुए थे और सूर्यवंश कब से और कैसे शुरू हुआ था तो इस लेख में हम आपको यही सब जानकारी देने वाले हैं तो चलिए शुरू करते हैं।
सनातन धर्म और धार्मिक मान्यताओं के सनुसार इस संसार की रचना ब्रह्मा जी ने की हैं। इन्ही ब्रह्माजी से एक मानस पुत्र हुए मरीचि, ये सप्तर्षियों में से एक हैं, जो ब्रह्मा जी द्वारा सृष्टि रचने के कार्य में सहायता करते हैं। इनका उल्लेख विभिन्न पुराणों और अन्य धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। इन्ही मरीचि के पुत्र कश्यप हुए जो एक महान ऋषि थे, कश्यप मुनि ने अदिति और दिति से देवताओं और दैत्यों को जन्म दिया, जिससे देवता और दानवों की उत्पत्ति हुई। और फिर ऋषि कश्यप के पुत्र विवस्वान हुए जिन्हे सूर्य देवता भी कहा जाता हैं और राजा विवस्वान से ही सूर्यवंश की शुरुआत हुई और आगे चलकर भगवान राम ने यही जन्म लिया। तो चलिए अब क्रम से पूरी वंशावली देखते हैं।
ब्रम्हाजी > मरीचि > कश्यप > विवस्वान > वैवस्वत मनु > इक्ष्वाकु > कुक्षि > विकुक्षि > बाण > अनरण्य > पृथु > त्रिशंकु > धुंधुमार > युवनाश्व > मान्धाता > सुसन्धि > ध्रुवसन्धि > भरत > असित > सगर > असमंज > अंशुमान > दिलीप > भगीरथ > ककुत्स्थ > रघु > प्रवृद्ध > शंखण > सुदर्शन > अग्निवर्ण > शीघ्रग > मरु > प्रशुश्रुक > अम्बरीष > नहुष > ययाति > नाभाग > अज > दशरथ > राम
- इक्ष्वाकु के पुत्र हुए कुक्षि
- कुक्षि के पुत्र का नाम विकुक्षि था।
- विकुक्षि के पुत्र बाण हुए।
- बाण के पुत्र थे अनरण्य।
- अनरण्य के पुत्र का नाम पृथु था।
- पृथु से त्रिशंकु का जन्म हुआ।
- त्रिशंकु के पुत्र धुंधुमार हुए।
- धुन्धुमार के पुत्र का नाम युवनाश्व था।
- युवनाश्व के पुत्र हुए मान्धाता।
- मान्धाता से सुसन्धि का जन्म हुआ।
- सुसन्धि के दो पुत्र हुए- ध्रुवसन्धि एवं प्रसेनजित।
- ध्रुवसन्धि के पुत्र भरत हुए।
- भरत के पुत्र हुए असित।
- असित के पुत्र सगर हुए।
- सगर के पुत्र का नाम असमंज था।
- असमंज के पुत्र अंशुमान हुए।
- अंशुमान के पुत्र दिलीप हुए।
- दिलीप के पुत्र भगीरथ थे।
- भागीरथ के पुत्र ककुत्स्थ थे।
- ककुत्स्थ के पुत्र रघु हुए
- रघु के पुत्र हुए प्रवृद्ध।
- प्रवृद्ध के पुत्र शंखण थे।
- शंखण के पुत्र सुदर्शन हुए।
- सुदर्शन के पुत्र का नाम था अग्निवर्ण।
- अग्निवर्ण के पुत्र शीघ्रग हुए।
- शीघ्रग के पुत्र हुए मरु।
- मरु के पुत्र हुए प्रशुश्रुक।
- प्रशुश्रुक के पुत्र हुए अम्बरीष।
- अम्बरीष के पुत्र का नाम था नहुष।
- नहुष के पुत्र हुए ययाति।
- ययाति के पुत्र हुए नाभाग।
- नाभाग के पुत्र का नाम था अज ।
- अज के पुत्र हुए दशरथ।
- दशरथ के चार पुत्र राम, भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न हुए।
इस प्रकार, भगवान राम का जन्म राजा दशरथ के पुत्र के रूप में हुआ, जिन्होंने आगे चलकर कई वर्षो तक शासन किया। भगवान राम के जाने के बाद उनके तथा उनके भाइयों के पुत्रों ने शासन किया और इस वंश को आगे बढ़ाया।
